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कम्प्यूटर

कम्प्यूटर

  • कम्प्यूटर एक इलेक्टॉनिक उपकरण है जिसका प्रयोग सामान्यतः उन स्थानों पर किया जाता है जहाँ कार्य तेज एवं अत्यधिक मात्रा में किया जाता है।

  • कम्प्यूटर की परिकल्पना सर्वप्रथम सन् 1833 ई. में सर चार्ल्स बैवेज ने की थी। इसीलिए उन्हें आधुनिक सर चार्ल्स बैबेज 1833 में कम्प्यूटर का जनक माना जाता है।

कम्प्यूटर की परिभाषा एवं गुण-

  • कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति कम्प्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना।

  • अतः एक कम्प्यूटर आमतौर पर एक गणन युक्ति (कैलकुलेटिंग डिवाइस) माना जाता है जो अंकगणितीय और तार्किक (Logical) ऑपरेशन को तेजी से कर सकता है।

  • कम्प्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है, आज इसका उपयोग म्युजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि कई अन्य क्षेत्र में भी हो रहा है।

  • अतः हम कह सकते हैं कि यह एक इलेक्ट्रानिक युक्ति है जो निर्देशों के एक सैट जिसे प्रोग्राम कहा जाता है के अनुसार विभिन्न प्रकार के कार्य करता है। इसके बाद यह परिणाम (Result)का प्रदर्शन (Display) या प्रिंट (Print) करता है यह डाटा को एक्सेप्ट (स्वीकारना),स्टोर (भण्डार)उन्हें मैनिपुलेट (हेरफेर करना) भी करता है

  • कम्प्यूटर का विकास बहुत पुराना है। सबसे पहले गणना के लिए अबैकस आविष्कार हुआ जो एक यांत्रिक (मैकेनिकल) डिवाइसें थीं। इसका प्रयोग अंकों की गणना के लिए किया जाता था।

  • अबैकस को पहला कम्प्यूटर कहा जाता है।

  • सत्रहवीं शताब्दी में चार्ल्स बैवेज ने एनालिटिकल और डिफरेन्स मशीन का आविष्कार किया तथा उसमें मेमोरी को डाला।

  • ENIAC प्रथम इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर है। यही से इलेक्ट्रानिक युग का प्रारम्भ हुआ

जनरेशन  वर्ष   प्रयुक्त तकनीकी का उपयोग

  • प्रथम 1945-1955  निर्वात नली(Vaccum tube)

  • द्वितीय 1955-1964  ट्रॉजिस्टर(Transister)

  • तृतीय 1964-1975 सर्किट (I.C.)

  • चतुर्थ 1975-1989 प्रोसेसर(Processor)

  • पंचम  1989 से अब तक  आधुनिक इंटीग्रेटेड सर्किट

कम्प्यूटर के प्रकार

  • कम्प्यूटर को उनके आकार और कार्य करने की क्षमता के आधार पर निम्नवत विभाजित किया जा सकता है। जो निम्नलिखित है-

  • एप्लीकेशन के आधार पर (According to Application ) एप्लीकेशन के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार का होता है।

1. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)

2. कम्प्यूटर (Digital Computer)

3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)


एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)

ये कम्प्यूटर भौतिक राशियों के किसी सतत परिवर्तित गुण के मापन के आधार पर कार्य करते हैं। एनालॉग कम्प्यूटर का प्रयोग विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किया जाता है।


कम्प्यूटर (Digital Computer)

ये कम्प्यूटर द्विधारी (बाइनरी) अंकों का उपयोग करते हैं। अधिकांशतः कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर ही होते हैं।


हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)

ये कम्प्यूटर एनालॉग एवं डिजिटल कम्प्यूटर का कॉम्बिनेशन होता है।


आकार एवं कार्य के आधार पर

कार्य और आकार के आधार पर कम्प्यूटर को निम्नवत विभाजित किया जा सकता है।

1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer )

2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)

3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer )

4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer )


माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer )

यह कम्प्यूटर आकार में छोटे होते है एवं कम गति से कार्य करते हैं। इन्हें पर्सनल कम्प्यूटर कहते हैं। इस कम्प्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है। इसमें सी. पी. यू., मॉनीटर, की-बोर्ड एवं माउस लगा होता है।


मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)

यह माइक्रो कम्प्यूटर से बड़ा तथा अधिक क्षमता का होता है और माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक तेजी से का करता है इनकी संग्रहण क्षमता भी अधिक होती है।


मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer )

यह कम्प्यूटर आकार में माइक्रो एवं मिनी कम्प्यूटर से बड़ा होता है। ये अति उच्च संग्रह क्षमता वाले बहुत ब कम्प्यूटर होते हैं। इनका प्रयोग बैंकों, बड़ी कम्पनियों एवं सरकारी विभागों में होता है।


सुपर कम्प्यूटर (Super Computer )

ये कम्यूटर सबसे बड़े आकार के होते हैं। यह कम्प्यूटर तेज गति एवं अत्यधिक संग्रह क्षमता वाले होते हैं। सुपर कम्प्यूटर में अनेक सी. पी. यू. होते हैं जिसके कारण ये कम्प्यूटर दिये गये अन्य कम्प्यूटरों से तेज गति से कार्य करते हैं।

भारत का पहला सुपर कम्प्यूटर परम-1000 है।


हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर

कम्प्यूटर को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जा सकता है

 1. हार्डवेयर 2. सॉफ्टवेयर


हार्डवेयर

  • कम्प्यूटर के वे सभी पाटर्स जिन्हें हम हाथों से छू सकते हैं व देख सकते हैं उन्हें हार्डवेयर कहते हैं।

  • हार्डवेयर कम्प्यूटर के यांत्रिक, वैद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक भाग हो सकते हैं। जैसे मॉनीटर, सी.पी.यू., 

  • स्पीकर, की-बोर्ड आदि को हार्डवेयर कहते हैं।


इनपुट डिवाइस

  • कम्प्यूटर में जिन डिवाइसों द्वारा निर्देश एवं डाटा को उपलब्ध कराया जाता है उन्हें इनपुट डिवाइस कहते हैं।

  • कम्प्यूटर में अनेक प्रकार के इनपुट डिवाइस प्रयोग किये जाते हैं, जैसे -की-बोर्ड, माउस, स्कैनर, टच स्क्रीन, वेब कैमरा, कम्प्यूटर लाइटपेन आदि।

आउटपुट डिवाइस

  • कम्प्यूटर में वे डिवाइस जिनके माध्यम से कम्प्यूटर सिस्टम से सूचना या रिजल्ट को बार्डकापी के रूप में (प्रिंटर पर) या सॉफ्टकॉपी के रूप में (मॉनीटर पर) प्रदान करती हैं। जैसे- मॉनीटर, प्रिन्टर, स्पीकर, मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर्स आदि।

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.)

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.) कम्प्यूटर का मस्तिष्क होता है जिस प्रकार मनुष्य प्राप्त आँकड़ों का अपने मस्तिष्क में प्रोसेस करता है उसी प्रकार सी.पी. यू. इनपुट किये गये डेटा को प्रोसेसिंग करके उसका निष्कर्ष आउटपुट डिवाइस पर दे देता है।


की-बोर्ड -एक इनपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रोग्राम एवं डाटा को कम्प्यूटर में एंटर किया जाता है। कम्प्यूटर काकी-बोर्ड टाइप राइटर के की-बोर्ड से लगभग मिलता-जुलता है। इसमें सामान्यतः 104 या उससे ज्यादा बटन होते


माउस -माउस एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जिसके द्वारा आप बिना की-बोर्ड का प्रयोग किये। कम्प्यूटर का नियंत्रण कर सकते हैं इसे एक हाथ से पकड़ा जाता है और एक फ्लैट सतह पर चलाया जाता है।

माउस का प्रयोग स्केचेज, डायग्राम्स आदि ड्रा करने में तथा निर्देश देने के लिए किया जाता है।

माउस दो प्रकार का होता है।

1 मैकेनिकल

2. ऑप्टिकल माउस।


माउस में दो बटन होती है लेफ्ट एवं राइट बटन तीसरी बटन स्क्रॉल बटन भी किसी-किसी माउस में होती है।

जब माउस को समतल सतह पर इधर-उधर सरकाते हैं। तो मॉनीटर की स्क्रीन पर तीर का निशान निर्देशानुसार सरकता है।


स्पीकर -कम्प्यूटर से गाना सुनने तथा पिक्चर देखने पर जो आवाज आती है वह स्पीकर के माध्यम से ही हम तक पहुँचती है।


मॉनीटर - कम्प्यूटर से निष्कर्ष देखने के लिए मॉनीटर का प्रयोग किया जाता है। इसकी संरचना टेलीविजन की तरह होती है।

सामान्यतः मॉनीटर दो प्रकार के होते हैं- सी.आर.टी. एवं टी. एफ. टी.।


सॉफ्टवेयर

विभिन्न प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं।

निर्देशों का एक सेट, जो एक विशेष कार्य करता है, प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कहलाता है।

प्रोग्राम के निर्देश, कम्प्यूटर को इनपुट कार्य करने, डाटा को प्रोसेस करने तथा रिजल्ट को  आउटपुट करने के लिए निर्देशित करते हैं।


पर्सनल कम्प्यूटर के भाग एवं कार्य

पर्सनल कम्प्यूटर को तीन भागों में बाँटा जा सकता है।

डेस्कटॉप, लैपटॉप एवं पामटॉप


डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computter)

पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला डेस्कटॉप कम्प्यूटर है। यह एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसे किसी मेज पर रखकर प्रयोग किया जाता है इसलिए इसे डेस्कटॉप या डेस्कटॉप पी.सी. के नाम से जाना जाता है।


लैपटॉप कम्प्यूटर (Laptop Computer)

लैपटॉप कम्प्यूटर वे होते हैं जिनको व्यक्ति अपनी गोद में रखकर कार्य कर सकता है। यह साईज में बहुत छोटे होते हैं। इन कम्प्यूटर को व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा हैं। इनमें पावर के लिए बैटरी और ए.सी. विद्युत दोनों का प्रयोग किया जा सकता है।


पामटॉप कम्प्यूटर (Palmtop Computer)

  • ये लैपटॉप कम्प्यूटर से छोटे होते हैं। इनको हथेली पर रखकर चलाया जाता । पामटॉप जब में रख सकता हैं।

  • आजकल मोबाइल में भी यह सुविधा उपलब्ध होने लगी है।

  • पामटॉप कम्प्यूटर में कैलकुलेटर के समान बटनों वाला की-बोर्ड होता है और एक छोटी स्क्रीन होती है। यह बैटरी से चलाया जाता है।


पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्य

  • पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-

  • इनका प्रयोग इण्टरनेट के उपयोग के लिए किया जा सकता है। शब्द एवं गणनाओं का प्रयोग करने में किया जा सकता है।

  • प्रेजेन्टेशन बनाने का काम किया जा सकता है।

  • बच्चे गेम खेलने में इनका प्रयोग करते हैं।

  • सांख्यिकी गणना का कार्य भी पर्सनल कम्प्यूटर द्वारा प्रमुख रूप से किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर निर्माण करने में भी पर्सनल कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है।

  • सेल्स तथा प्रोडक्शन कन्ट्रोल करना।


कम्प्यूटर का उपयोग

कम्प्यूटर का उपयोग अब सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है। आज इसका उपयोग, म्यूजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि कई अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है।

कम्प्यूटर के उपयोग को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है।

1. वैज्ञानिक उपयोग

2. वाणिज्य एवं व्यापार में

3. शिक्षा में


कम्प्यूटर के अन्य कार्य

  • कम्प्यूटर से फोटो कॉपी करना, फोटोग्राफी, फोटो निकालना, बैंक, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, डाकखाने, बड़े- बड़े उद्योग, आदि में कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।

  • कम्प्यूटर में लगा इलेक्ट्रॉनिक सर्किट केवल मशीनी भाषा ही समझ सकता है इस भाषा में केवल दो ही अंको का अर्थात् 0 एवं 1 का ही प्रयोग किया जाता है। इसे बाइनरी प्रणाली कहते हैं।

  • बाइनरी प्रणाली में सारे अंको, अक्षरों तथा चिन्हों को 0 एवं 1 के द्वारा अंकित किया जाता है। बाइनरी संख्या के प्रत्येक अंक को बिट कहा जाता है।

  • 4 बिट (Bit) = 1 निबल (Nibble )

  • 8 बिट (Bit)= 1 बाइट (Byte)

  • 1024 बाइट (Byte )= 1 किलोबाइट (Kilo Byte)

  • 1024 किलो बाइट (Kilo Byte )= 1 मेगाबाइट (Mega Byte )

  • 1024 मेगाबाइट (Mega Byte ) = 1 गिगाबाट (Giga Byte )

  • 1024 गिगाबाइट (Giga Byte) = 1 टेराबाइट (Tera Byte )

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